veer savarkar

अनादि मी, अनंत मी..

जयंती विशेष मधुरा विवेक घोलप हे मातृभूमी, तुजला मन वाहियेले। वक्तृत्व-वाग्विभवही तुज अर्पियेले। तूतेंचि अर्पिली नव-कविता रसाला। लेखांप्रति विषय तूंचि…

3 years ago